By: Sunil Kumar Soni,Update: 25/06/2024,Time: 11:15 AM
रामनवमी पर श्री राम लाल के सूर्य तिलक(surya tilak) की तैयारी पूरी
2 दर्पण 3 लेंस पीतल पाइप और सूर्य के पद बदलने का सिद्धांत
आईआईटी रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने यह सिस्टम बनाया है प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक देवदत्त घोष के कहे अनुसार यह सूर्य तिलक पथ बदलने के सिद्धांत पर आधारित है, एक रिफ्लेक्टर दो दर्पण तीन लेंस एवं पीतल पाइप से सूर्य की किरणें रामलाल के मस्तक तक पहुंचेगी|
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1.सूर्य किरणे रामलला के मस्तक पर पहुंचने का समय और सिस्टम :-
रामनवमी को दिन में 12:00 बजे सूर्य की किरणे तीसरी मंजिल पर लगे सिस्टम के पहले रिफ्लेक्टर पर गिरेगी यहां से पहले दर्पण पर जाएगी फिर लेंस के जरिए तेजी से आगे बढ़ेगी
सूर्य की किरणें वर्टिकल पाइप में होते हुए 2 और लेंस से गुजरते हुए,गर्भगृह में रामलला के ठीक सामने लगे दर्पण पर गिरेगी इस दर्पण को इस तरह 60 डिग्री में सेट किया गया है,
जिससे सूर्य की किरण सीधे रामलला के मस्तिष्क तक जाएगी,
सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप चौहान के कहे अनुसार रामनवमी की तारीख चंद्र कैलेंडर से तय होती है। सूर्य तिलक(Surya Tilak) समय पर हो,
इसलिए सिस्टम में 19 गियर लगाए जा चुके है,जो सेकंड्स में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल बदल कर उन्हें गर्भगृह में भेज देगी,
लेंस और पीतल के पाइप बेंगलुरु की कंपनी ऑप्टिक ने बनाए हैं,
2.कार्य में योगदान एवं सम्पूर्ण सहयोग :-
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोफिजिक्स ने चंद्र एवं समस्त सौर कैलेंडरों की गणना करके हल किया है,जिनका इन कार्यों में विशेष योगदान रहा,
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3.रामलला के सूर्य तिलक(surya tilak) का समय :-
सभी भक्तो को रामनवमी पर विशेष तोहफा प्रभु श्री रामलला का तिलक सूर्यनारायण द्वारा अपनी स्वर्णिम किरणों से किया जाएगा,
स्वर्णिम सूर्य किरने 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 12 .01 बजे
ऑप्टोमेकेनिकल सिस्टम के जरिए गर्भगृह में परिवर्तित होकर रामलला के मस्तक पर 4 मिनट तक रहेगी,जिसका आकार 75mm के गोल तिलक के रूप में चमकेगी,
इस सूर्य तिलक(surya tilak) को भारत देश के दो कीर्तिमान वैज्ञानिक संस्थान द्वारा संचालित किया गया,
मंदिर के पुजारी अशोक उपाध्याय के मुताबिक कुछ दिन पहले सूर्य तिलक के सभी उपकरण मंदिर के ऊपर तीसरी मंजिल पर व्यवस्थित रूप से लगाए गए,
पहले ट्रायल में सूर्य किरणें रामलला (ramlala)के होठों पर पड़ी,दोबारा प्रयास कर सिस्टम सेट करके इन किरणों को मस्तक पर सेट किया गया,
बहुत अथक प्रयास से एवम सभी के सहयोग से कार्य सफल हुआ,
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन राम लला के वस्त्र बदले गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद
पहली बार प्रभु के वस्त्रों की ‘शैली’ को बदला गया है। भगवान के नए वस्त्र मयूर व अन्य वैष्णव चिह्नों को रंग-बिरंगे रेशम के साथ-साथ असली तारों से काढ़ा गया है।
यह वस्त्र खादी कॉटन से निर्मित है। इन पर चांदी और सोने की हस्त कला की गई है। हस्तकला से की गई कड़ाई में प्रयोग किए हुए सभी चिह्न वैष्णव संप्रदाय के हैं।
4.Ayodhya नगरी की सजावट एवं सौन्दर्यकरण :-
इस रामनवमी पर संपूर्ण अयोध्या को हजारों दीपक प्रज्वलित करके जगमग किया जाएगा,और पूरे अयोध्या में फूलो की सजावट हर घर आंगन महकेगा राममंदिर
(ram mandir) प्रांगण में भी तैयारिया जोर शोर से होगी,पूरी अयोध्या(ayodhya) ये त्योहार पूरे हर्षोल्लास से मना कर मिठाई बांटेगा,
और Surya Tilak की झलक जो बहुत अथक प्रयास से अति दुर्लभ क्षण को संपूर्ण भारत वासी के समक्ष सही समय पर दिखाने का प्रयास किया,
आप सब भी इस अनुपम घड़ी को अपने मोबाइल पर या टीवी पर दर्शन करके प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करे,एक बार पुनः सभी का धन्यवाद
श्री राम मंदिर(ram mandir) जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भवन निर्माण सीमिती के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार रामनवमी पर सूर्य तिलक की
संपूर्ण प्रसारण 100 से भी अधिक एलईडी स्क्रीन से संपूर्ण अयोध्या में होगा जिसकी तैयारी जोर शोर से चालू है।
सूर्य तिलक बहुत अथक प्रयास से एवम सभी के योगदान से संभव हो पाया है,इसके लिए सभी भारतवासी सूर्य तिलक योगदान में रहे सभी सहयोगी का हरदय से धन्यवाद ।
“”जय श्री राम “”
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